सौरव गांगुली और जय शाह ने एक साथ अक्टूबर 2019 में भारतीय बोर्ड में अध्यक्ष और सचिव की कुर्सी संभाली थी, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में अपील की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 14 सितंबर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बड़ी राहत देते हुए उसकी एक बड़ी मांग पूरी कर दी. भारतीय बोर्ड चाहता था कि 2019 में बने बीसीसीआई के संविधान में कार्यकाल और कूलिंग ऑफ पीरियड में बदलाव किया जाए और अब इस बदलाव को कोर्ट की मंजूरी मिल गई. यानी अब बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह समेत शीर्ष पदाधिकारी अगले 3 साल के लिए और बने रह सकते हैं. जाहिर तौर पर ये गांगुली और शाह के लिए अच्छी खबर है लेकिन आने वाले दिनों में एक बड़ा बदलाव यहां दिख सकता है
दावा किया जा रहा है की कही सौरव गांगुली की कुर्सी उनके हाथो से निकल न गए अगले महीने होने वाले संभावित चुनावों में जय शाह को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाने के लिए कई राज्य संघ समर्थन के लिए तैयार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 15 राज्य संघों ने बोर्ड के मुखिया के तौर पर जय शाह के प्रति अपना समर्थन जताया है कि स्टेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि कोरोना महामारी के दौर में भी अगर BCCI लगातार तीन बार सफलतापूर्वक IPL का आयोजन जय शाह के प्रयासों के चलते ही करवा सका. इसके अलावा IPL की ब्लॉकबस्टर प्रसारण डील की सफलता में भी जय शाह की अहम भूमिका राज्य संघ मानते हैं. जाहिर तौर पर ऐसे में शाह को तगड़ा समर्थन मिलना हैरानी भरा नहीं है.
पहले समझें कूलिंग ऑफ पीरियड क्या है?
कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी ने 2018 में सिफारिश की थी। बाद में इन्हें तभी से लागू कर दिया गया। इसके मुताबिक, कोई भी पदाधिकारी पहले स्टेट बॉडी में तीन साल या उससे ज्यादा समय तक पद पर रहता है तो वह बोर्ड में सिर्फ तीन साल और पद पर रह सकता है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, अब कोई भी पदाधिकारी तीन साल स्टेट और बोर्ड में 6 साल तक किसी भी पद पर रह सकता है।
BCCI को क्या आपत्ति थी?
BCCI ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म करने की इजाजत मांगी थी। इस मामले में BCCI का कहना है कि कूलिंग ऑफ पीरियड किसी सदस्य के एक ही स्थान पर लगातार छह साल तक पद संभालने के बाद आना चाहिए, न कि स्टेट फेडरेशन या BCCI या दोनों को मिलाकर।
अगले महीने होगा चुनाव
अब ये सब संभव होता है या नहीं, इसका पता अगले महीने के संभावित चुनाव से लग जाएगा. अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई का कार्यभार संभालने वाले गांगुली, शाह और कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. ऐसे में जल्द ही वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया जा सकता है, जिसके बाद अगले महीने चुनाव हो सकते हैं. साथ ही इस महीने के अंत तक राज्य संघों के चुनाव भी हो सकते हैं, जिन्हें बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रुकने को कहा था.
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