ट्वीटर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिरी मंत्रालय ने लगभग 1100 अकाउंट के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए है। कर्नाटक हाईकोर्ट में सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर ये आदेश जारी रहा तो ट्विटर का पूरा कारोबार बंद हो जाएगा।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लगभग 1,100 ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के आदेश के संबंध में एक नोटिस जारी किया है। जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली सिंगल डिवीजन बेंच ने ट्विटर की ओर से पेश सीनियर वकील मुकुल रोहतगी की दलीलों के बाद यह आदेश दिया कि अगर ब्लॉकिंग आदेश जारी रहता है, तो ट्विटर का पूरा कारोबार बंद हो जाएगा। अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए नियमानुसार कारणों को रिकॉर्ड करके माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को देना होगा जो नहीं किया जा रहा है।
बेंच ने इस मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए तारीख तय की है। बेंच ने सुनवाई को बंद कमरे में करने के लिए केंद्र सरकार के वकील द्वारा याचिका पर विचार करने का आश्वसन भी दिया। ट्वीटर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिरी मंत्रालय ने लगभग 1100 अकाउंट के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए है।
रोहतगी ने आगे कहा, “रिकॉर्ड पर रखने और हमें बताने के लिए उन नियमों को बताया जाए कि खातों को क्यों ब्लॉक किया जाए। ऐसे नहीं किया जाता है। हम खाताधारकों के प्रति जवाबदेह हैं कि उनके खाते क्यों ब्लॉक किए गए हैं। यदि यह जारी रहा, तो मेरा पूरा बिजनेस बंद हो जाएगा।” बता दें, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत मंत्रालय को कुछ सरकारी एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट की गई सामग्री के लिए ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी करने के लिए अथॉरिटी होती है।
ट्वीटर द्वारा याचिका में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कई ब्लॉकिंग ऑर्डर्स ‘प्रक्रियात्मक रूप से और प्रावधानों के स्तर पर काफी कमजोर’ हैं और ‘अनुपातिक रूप से शक्ति का अत्यधिक प्रदर्शन करते हैं और अनुपातहीन हैं।’ ट्विटर ने मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कई ब्लॉकिंग ऑर्डर को चुनौती दी है।