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सावन के शनिवार धनु, मकर और कुंभ वाले करें ये 3 काम, शनि साढ़े साती का नहीं पड़ेगा बुरा असर

हाल ही में 12 जुलाई को शनि ने कुंभ राशि से मकर राशि में प्रवेश कर लिया है और अब अगले 6 महीने तक शनि इसी राशि में विराजमान रहेंगे। शनि 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहने के बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के मकर राशि में गोचर करने के दौरान धनु, मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती रहेगी वहीं मिथुन और तुला वालों पर शनि ढैय्या रहेगी। जो लोग इस समय शनि की दशा की चपेट में हैं उनके लिए सावन का शनिवार खास रहने वाला है। जानिए क्या करें उपाय।

सावन शनिवार व्रत का महत्व: सावन महीना धार्मिक दृष्टि से काफी पवित्र माना जाता है। इस महीने भगवान शंकर की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और भक्त सावन सोमवार के व्रत रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के सोमवार ही नहीं बल्कि शनिवार भी खास माने जाते हैं। कहते हैं जो व्यक्ति सावन शनिवार के व्रत करता है उस पर शनि देव की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। सावन के प्रत्येक शनिवार को संपन शनिवार के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को करने से आरोग्य की प्राप्ति होने के साथ-साथ धन-सपंत्ति में भी वृद्धि होती है।

शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सावन में करें ये काम:
-यदि आप पर साढ़ेसाती, ढैय्या, पनौती अथवा कंटक शनि का प्रभाव चल रहा है तो सावन के प्रत्येक शनिवार पर पीपल के वृक्ष की तीन बार परिक्रमा करें और उसके तने पर काला धागा लपेटें। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं।

-दूसरा उपाय ये है कि एक लोहे की कटोरी लें और उसमें सरसों का तेल भर लें। फिर उस तेल में अपने हाथ की बीच वाली उंगली डाल कर शनि मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जाप करें। फिर उस कटोरी को तेल सहित दान कर दें। ये काम सावन के हर शनिवार पर करें। मान्यता है ऐसा करने से शनि का कोप शांत हो जाता है।

-अगर चाहते हैं कि शनिदेव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे इसते लिए शिवलिंग का सरसों के तेल से अभिषेक करें और संपत शनिवार के व्रत रखें।

 इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।

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