सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोयले की ढुलाई करने के लिए रेलवे के साथ-साथ सड़क के रास्ते का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके अलावा ऊर्जा सेक्टर में बड़े सुधार किए जाने चाहिए.
Yogi Adityanath On Power Crisis: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चल रहे बिजली संकट (Electricity Crisis) के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एनर्जी सेक्टर में व्यापक सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि विभागीय मंत्री अपने महकमे की कार्यप्रणाली की समीक्षा करके हर लेवल पर बदलाव की कोशिश करें.
निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश
यूपी सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा, ‘ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की व्यापक जरूरत है. भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के दृष्टिगत कार्ययोजना तैयार की जाए. विभागीय मंत्री द्वारा विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करते हुए हर स्तर पर व्यापक बदलाव के प्रयास किए जाएं.’
‘एनर्जी सेक्टर में है बड़े सुधारों की जरूरत’
उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल, समय पर मिले. ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग या देरी से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है. इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और उसकी वसूली की क्षमता बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस रणनीति बनानी होगी. ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है.’
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि खदानों से बिजलीघरों तक कोयले की ढुलाई के लिए रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग का इस्तेमाल भी किया जाए.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बना हुआ है. ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में करीब 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग की तुलना में आपूर्ति 20,800 मेगावाट ही हो रही है. हालांकि यूपी को राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश से करीब 1600 मेगावाट बिजली मिली है. इसके बावजूद अब भी लगभग 2000 मेगावाट बिजली की कमी है.