प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज क्या हुई मोबाइल कंपनी Vivo के दो निदेशक भारत छोड़कर ही भाग गए। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या विवो के निदेशक झेंगशेन ओउ (Zhengshen Ou) और झांग जी (Zhang Jie) जांच में फँसने के डर से भागने के लिए मजबूर हो गए थे? वहीं, दूसरी तरफ चाइनीज कंपनी Vivo के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जाच से चीन भड़क गया है। चीन ने कहा है कि इस तरह की जांच से भारत में बिजनस का माहौल बिगड़ता है।
ED ने 5 जुलाई को चाइनीज मोबाइल फोन निर्माता कंपनी Vivo के खिलाफ एक्शन लेते हुए उसके 44 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये एक्शन प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत लिया गया था। इस जांच के बाद सामने आया है कि झेंगशेंग आउ और झेंग जी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो से जुड़े फर्म GPICL के निदेशक पिछले साल ही देश छोड़कर भाग गए थे। गौरतलब है कि पिछले साल ही अप्रैल में इस कंपनी पर इसके स्वामित्व और वित्तीय गड़बड़ी के मामले में जांच के आदेश दिए गए थे।
वहीं, चीन भारतीय एजेंसी द्वारा जारी चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच से भड़क गया है। Vivo से पहले शाओमी के खिलाफ भी जांच चल रही है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि चीनी पक्ष इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी कानूनों का पालन करेंगे और जांच और प्रवर्तन गतिविधियों को निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ाएंगे। इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि भारत में निवेश और संचालन करने वाली चीनी कंपनियों के लिए निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल बन सके।”
वहीं, चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा, ‘इस तरह की जांच से न केवल कंपनियों की साख खराब होती है बल्कि भारत में बिजनस का माहौल भी बिगड़ता है। इससे न केवल चीन बल्कि अन्यदेशों की कंपनियां भारत में निवेश करने और ऑपरेट करने से पहले सोचेंगी।’
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