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शराबबंदी वाले गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद हमलावर हुए विपक्षी दल, बना सकते हैं चुनावी मुद्दा

गुजरात में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अब इस मामले को लेकर भाजपा को विरोधी राजनीतिक दलों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ रहा है.

गुजरात में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अब तक राज्य में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. अब इस मामले को लेकर भाजपा को विरोधी राजनीतिक दलों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ रहा है. गुजरात में 1960 से ही शराब बंदी लागू है, यहां तक कि 2017 में विजय रुपाणी सरकार ने शराबबंदी के कानून में संशोधन करके और भी ज्यादा सख्त सजा का प्रावधान किया था, लेकिन इसके बावजूद भी चोरी छुपे गुजरात में शराब बिकती रही. गुजरात की इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता भाजपा की सरकार पर हमलावर हैं, केजरीवाल का तो सीधे कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि बीते 15 सालों में 845 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब की वजह से हो चुकी है. वहीं कांग्रेस इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. साफ संकेत है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी शराब बंदी के बाद ही जहरीली शराब बिकने के मुद्दे को उछाल सकते हैं.

गुजरात के गठन के बाद से ही लागू है शराबबंदी

1 मई 1960 को गुजरात का गठन हुआ. गठन के बाद से ही शराब बंदी लागू कर दी गई . महात्मा गांधी ने अपने जीवन काल में हमेशा से ही मदिरा सेवन और शराब बिक्री का विरोध किया, इसी वजह से गुजरात में आज तक शराब बंदी लागू है. शराब बंदी के बावजूद भी चोरी छिपे शराब बेची जा रही है, जहरीली शराब से मरने वाले परिवार के कई लोगों का यही कहना है कि गुजरात में शराब बड़े ही आसानी से मिल जाया करती है. ऐसे में अभी ही सवाल उठता है शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से हुईं इन मौतों का जिम्मेदार किसे माना जाए.

जहरीली शराब से मौतों पर शुरू हुई राजनीति

गुजरात में जहरीली शराब पीने से अब तक 42 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं. वहीं 100 से ज्यादा लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती है. इन मौतों के बाद अब आम आदमी पार्टी से लेकर कांग्रेस को बैठे-बिठाए भाजपा के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल चुका है. ऐसे में इस मुद्दे को भुनाने के लिए दोनों ही दल सक्रिय हो चुके हैं. वे लोगों से मिलकर उन्हें दिलासा दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन और सरकार को भी कोस रहे हैं, खुद अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में भाजपा पर हमला किया है. पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक आंकड़ा भी जारी किया है इसके अनुसार गुजरात ड्राई स्टेट है फिर भी 15 साल में यहां पर 845 से ज्यादा मौतें जहरीली शराब पीने से हो चुकी हैं. वहीं कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी भी लगातार सरकार पर हमलावर है.

इसी साल होने हैं गुजरात में चुनाव

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पूरी तरीके से सक्रिय है. बोटाद जिले में जहरीली शराब से हुई 42 मौतों के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सक्रियता बढ़ चुकी है. खुद अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बड़े नेता भी मौके पर जाकर मृतक परिवारों से मिल रहे हैं. वहीं इस घटना के बहाने भाजपा पर अब खुलकर हमले होने लगे हैं. केजरीवाल अब खुलकर कहने लगे हैं कि गांधी बापू के गुजरात में नशाबंदी होने के बावजूद ऐसी घटना होना दुखद है. दरअसल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस घटना का पूरा माइलेज उठाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं.

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