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उद्धव ठाकरे से बगावत कर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने पार्टी को एकऔर झटका दिया है

अब ठाणे नगर निगम में शिवसेना का एक ही पार्षद बचा है और हर किसी की इसमें दिलचस्पी है कि इस बड़े संकट के बीच भी उद्धव ठाकरे को न छोड़ने वाला पार्षद कौन है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बगावत कर महाराष्ट्र के सीएम बने एकनाथ शिंदे ने पार्टी को एक और झटका दिया है। ठाणे नगर निगम के 67 विधायकों में से 66 को एकनाथ शिंदे ने तोड़ लिया है। गुरुवार को ये सभी पार्षद एकनाथ शिंदे गुट के साथ आ गए। अब ठाणे नगर निगम में शिवसेना का एक ही पार्षद बचा है और हर किसी की इसमें दिलचस्पी है कि इस बड़े संकट के बीच भी उद्धव ठाकरे को न छोड़ने वाला पार्षद कौन है। यह पार्षद कोई और नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे के करीबी नेता राजन विचारे की पत्नी नंदिनी विचारे हैं। उन्हें ठाणे के कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता है, जहां एकनाथ शिंदे का बड़ा प्रभाव रहा है।

राजन विचारे की पत्नी हैं नंदिनी, उद्धव ठाकरे की करीबी

नंदिनी विचारे ठाणे नगर निगम के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं। 2017 में नंदिनी विचारे मेयर पद के लिए मुख्य दावेदारों में से एक थीं। इससे पहले बुधवार को ही शिवसेना ने भावना गवली को लोकसभा में अपने चीफ व्हिप के पद से हटा दिया था। यह जिम्मेदारी अब राजन विचारे को दी गई है, जो नंदिनी के पति हैं। साफ है कि पति और पत्नी दोनों ही फिलहाल उद्धव ठाकरे के वफादार हैं। बता दें कि पूर्व महापौर नरेश मस्के के नेतृत्व में ठाणे के कुल 66 पार्षदों ने कल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नंदनवन आवास का दौरा किया था। इसके बाद सभी आज उनके गुट में शामिल हो गए। इन सभी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मिलकर काम करने का फैसला किया है।

25 सालों से ठाणे की सत्ता पर काबिज थी शिवसेना

ठाणे के पार्षदों का एकमुश्त एकनाथ शिंदे के गुट में जाना उद्धव सेना के लिए बड़ा खतरा है। दरअसल शिवसेना ठाणे नगर निगम में बीते 25 सालों से शासन कर रही है, लेकिन यहां के सबसे मजबूत स्तंभ रहे एकनाथ शिंदे की ही बगावत ने सारे समीकरणों को धराशायी कर दिया है। उसके बाद पार्षदों का जाना एक और बड़ी चिंता है। इसके साथ ही ठाणे में शिवसेना का वर्चस्व पूरी तरह खत्म होता दिख रहा है। अब तक शिवसेना की ओर से 66 पार्षदों के छोड़ जाने पर कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है। साफ है कि ठाणे में अपना वजूद बनाए रखने के लिए शिवसेना को कड़ी मेहनत करनी होगी और पार्टी को नए सिरे से खड़ा करना होगा।

शिवसेना के आगे बड़ा सवाल, ठाणे चुनाव में क्या करेगी

लंबे अरसे से एकनाथ शिंदे ठाणे में शिवसेना के प्रभारी थे। उनके जाने के बाद से ही ये कयास लगने लगे थे कि अब ठाणे का क्या होगा? ये आशंकाएं अब साबित होने लगी हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शिवसेना ठाणे नगर निगम चुनाव में क्या करेगी, जो अब कुछ ही दिन दूर है।

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