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Lulu Mall: क्या लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले कर्मचारी थे? कंपनी ने पुलिस को दिए जवाब में बताई पूरी बात

Lulu Mall Namaz Controversy: लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने के मामले में माहौल गरमाता जा रहा है। शुक्रवार की शाम को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मॉल में सुंदरकांड का पाठ कराने का ऐलान किया है। वहीं, मॉल प्रबंधन ने इस मामले में सफाई दी है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ही नहीं उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मॉल होने का दावा करने वाला लुलु मॉल (Lulu Mall) बड़े विवाद में फंसता जा रहा है। शॉपिंग डेस्टिनेशन की जगह महज पांच दिनों में ही मॉल विवाद (Lulu Mall Namaz Controversy) में फंस गया है। मॉल में नमाज पढ़े जाने के मामले में कर्मचारियों के होने का दावा किया जा रहा है। वहीं, मॉल प्रबंधन की ओर से बड़ी सफाई सामने आई है। मॉल प्रबंधन ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मॉल में नमाज पढ़ने वाले कर्मचारी नहीं थे। साथ ही, धार्मिक गतिविधियों का केंद्र मॉल को नहीं बनने देने का भी दावा किया गया है। मॉल प्रबंधन ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई है। मॉल के पीआरओ सिब्तैन हुसैन की ओर से दी गई तकरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। इस तकरीर में साफ किया गया है कि मॉल में आने वाले बाहरी लोग नमाज में शामिल थे। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या लुल मॉल को विवादों में घसीटने की कोशिश हो रही है? सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को मॉल का उद्घाटन किया था। 11 जुलाई से यह मॉल आम लोगों के लिए खोला गया।

नमाज विवाद में फंसे लुलु मॉल प्रबंधन ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है। इसमें मॉल प्रबंधन के कर्मचारी इसमें शामिल नहीं थे। लुलु मॉल मैनेजमेंट की तरफ से ही पुलिस को तहरीर देते हुए दावा किया कि नमाज पढ़ते हुए वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों से उनका कोई संबंध नहीं हैं। वह मॉल के कर्मचारी भी नहीं हैं। मॉल प्रबंधन ने सफाई दी है कि मॉल में नमाज पढ़े जाने के संबंध में में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि मॉल में किसी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है। एडीसीपी दक्षिण राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मॉल के पीआरओ सिब्तैन हुसैन की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदम दर्ज कर लिया गया है। कहा कि अज्ञात नमाजियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

सबसे बड़े शॉपिंग डेस्टिनेशन का दावा

मॉल प्रबंधन एक तरफ उत्तर प्रदेश और नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा शॉपिंग डेस्टिनेशन का दावा कर रहा है। दूसरी तरफ, नमाज विवाद ने इस शानदार मॉल को विवादों में घसीट दिया है। 2 हजार करोड़ की लागत से इस मॉल का निर्माण लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में किया गया है। शहीद पथ के बगल में स्थित यह मॉल उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मॉल होने का दावा कर रहा है।

एक साथ 50 हजार लोगों के शॉपिंग की सुविधा

मॉल की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर एक साथ 50 हजार लोग शॉपिंग कर सकते हैं। 22 लाख वर्गफीट में फैले इस मॉल की पार्किंग में 3 हजार गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा दी गई है। इसके अलावा पीवीआर सुपरप्लेक्स की 11 स्क्रीन यहां पर लगाई गई है।

नमाज का दूसरा वीडियो आने से गरमाया माहौल

लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने का दूसरा वीडियो सामने आया है। इस मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने की मनाही है। मॉल प्रबंधन पर खास लोगों को नौकरी देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर दोबारा ऐसा होता है तो वहां सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा।

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