जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ के रथ पर सवार होते ही शुक्रवार अलसुबह से तीन दिवसीय रथयात्रा मेला शुरू हो गया। बीते दो साल कोरोना महामारी के कारण बनारस में रथयात्रा मेला नहीं लगा था।
पीताम्बर वेष में भगवान जगन्नाथ
भगवान शिव की नगरी काशी में जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ के रथ पर सवार होते ही शुक्रवार अलसुबह से तीन दिवसीय रथयात्रा मेला शुरू हो गया। पीताम्बर वेष में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भइया बलभद्र ने भक्तों को अपने दर्शन दिए। नाथों के नाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने भगवान जगन्नाथ को तुलसीदल की माला, सुगंधित बेला के पुष्पों की लड़ी, फल और श्रद्धाभाव अर्पित कर आशीष लिया। इसी के साथ काशी में लक्खा मेलों की शुरुआत हो गई।
कोरोना संक्रमण के कारण काशी में दो साल तक रथयात्रा मेला नहीं लगा था।
इस बार रथयात्रा मेले को लेकर बेसब्री से इंतजार था। मेले की शुरुआत शुक्रवार भोर में मंगला आरती से हुई। रथयात्रा स्थित बेनीराम बाग में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलभद्र जी के विग्रहों को पीतांबर वस्त्र धारण कराने के बाद पीले फूलों से श्रृंगार किया गया।
इसके बाद भगवान को 14 पहियों वाले सुसज्जित रथ पर आरुढ़ किया गया। जैसे ही पट खुला पीतांबर धारी प्रभु के दर्शन के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। दर्शन-पूजन के लिए भोर से ही दर्शनार्थियों की कतार लग गई थी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी भी मेला क्षेत्र में लगातार गश्त कर रहे हैं।
आज से चार दिन तक नो व्हीकल जोन रहेगा रथयात्रा चौराहा
एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि नो इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को मंडुवाडीह तक आना है, वह मोहनसराय, रोहनिया, चांदपुर, मुढ़ैला होते हुए मंडुवाडीह तक आ सकते हैं। नो-इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को सिगरा तक आना है, वह मोहनसराय, रोहनिया, चांदपुर, लहरतारा, धर्मशाला, इंग्लिशिया लाइन, मलदहिया होते हुए सिगरा तक आ सकते हैं। नो-इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को सिगरा से हरहुआ होकर या बाबतपुर जाना होगा, वह वाहन सिगरा, मलदहिया, चौकाघाट, ताड़ीखाना पुलिस लाइन चौराहा, भोजूबीर, गिलट बाजार, तरना, हरहुआ होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेंगे।