Amrish Puri Biography: अमरीश पुरी जिनकी एक्टिंग के साथ उनकी आवाज में भी कुछ अलग सी बात थी. जो उनकी पर्सनेलिटी को एक अलग ही रूप से दिखाती थी. तभी तो ये शख्सियत मरकर भी अमर हो गई. आज भले ही ये अभिनेता हमारे बीच नहीं है लेकिन इनका जिक्र आज भी जुबां पर आ जाता है. एक्टिंग के प्रति उनकी दीवानगी भी कमाल थी. ऐसी कि अभिनेता बनने के लिए सरकारी नौकरी को ठुकराने से भी परहेज नहीं किया था.
अमरीश पुरी ने थियेटर में बेहतर काम किया तो उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा लेकिन फेम मिला फिल्म रेशमा और शेरा से जो 1971 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में उनके काम को खूब सराहा गया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उस वक्त फिल्मों के लिए उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी और एक के बाद एक अमरीश पुरी ने 450 फिल्मों में एक से बढ़कर एक दमदार रोल निभाए.
ये बात सच है कि अमरीश पुरी का एक्टिंग करियर शानदार रहा और इंडस्ट्री में उनकी खूब तूती बोलती थी लेकिन फिर भी उन्होंने बेटे को इंडस्ट्री में नहीं आने दिया. उनके बेटे राजीव पुरी भी एक एक्टर बनना चाहते थे लेकिन अमरीश पुरी ऐसा नहीं चाहते थे क्योंकि उस वक्त इंडस्ट्री के हालात सही नहीं थे. लिहाजा उन्होंने बेटे को समझाया और वो मान भी गए जिसके बाद राजीव ने मर्चेंट नेवी ज्वाइन कर ली.