China USA Conflict: अमेरिका और चीन के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है. ताइवान को लेकर अमेरिका चीन से आरपार की लड़ाई के मूड में है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ किया है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करेगा तो वह चीन से सीधे लड़ेगा.
China Taiwan Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 100 दिन से अधिक हो चुके हैं. अभी भी युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच चीन और ताइवान के बीच भी कुछ इसी तरह का तनाव बना हुआ है और कभी भी युद्ध होने की आशंका है. इस संकट पर भी दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की. वह लगातार चीन को सचेत कर रहा है और ताइवान के साथ खड़ा नजर आ रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को बाहर से समर्थन दे रहा अमेरिका चीन-ताइवान संकट पर अलग सोच रखता है. वह कहता है कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो अमेरिका अपने सैनिक ताइपे में भेजेगा.
आर-पार के मूड में अमेरिका
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट किया है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका उसके खिलाफ सीधे लड़ेगा. बाइडन का कहना है कि, वह यूक्रेन को लेकर रूस के साथ युद्ध में इसलिए नहीं जा रहा है क्योंकि रूस परमाणु शक्ति है और वह परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, लेकिन चीन-ताइवान युद्ध में वह इस बारे में नहीं सोचेंगे. वहीं चीन और अमेरिका के बीच ताइवान को लेकर बढ़ रही टेंशन पर विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर युद्ध होता है तो यह दुनिया के लिए ठीक नहीं होगा. इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) ने हाल ही में बताया कि परमाणु शक्तियों के बीच कोई भी संघर्ष किस तरह तेजी से नियंत्रण से बाहर हो जाता है. यह टेंशन इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों ही परमाणु शक्ति से लैस हैं और जो समझादारी अमेरिका ने अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध में दिखाई है, वो चीज चीन के परिदृश्य में नजर नहीं आ रही हैं. बाइडन बार-बार कह रहे हैं कि वह अमेरिकी सेना को ताइपे की ओर से लड़ने का आदेश देंगे.
अमेरिका देगा दखल तो युद्ध का असर पूरी दुनिया पर
यहां यह समझना जरूरी है कि अमेरिका रूस की तुलना में चीन पर आक्रमक रवैया इसलिए भी अपना रहा है क्योंकि चीन के पास रूस इतनी परमाणु शक्ति नहीं है. लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि बेशक चीन का परमाणु शस्त्रागार रूस की तुलना में छोटा है, लेकिन वह इसके बाद भी अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया पर इसका बुरा असर पड़ेगा.
चीन बढ़ा रहा अपनी परमाणु शक्ति
अमेरिका में शोधकर्ताओं ने उत्तर पश्चिमी चीन के एक रेगिस्तान में 119 नए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण को ट्रैक किया है, जो दर्शाता है कि चीन अपनी रणनीतिक परमाणु क्षमता को मजबूत करने में लगा हुआ है. चीन तक पहुंचना अमेरिका के लिए आसान नहीं होगा. उसे हजारों किलोमीटर खुले समुद्र को पार करना होगा. एशिया में उसके पास जो कुछ द्वीप ठिकाने हैं वे आसानी से चीन के हमले की चपेट में आ सकते हैं.
सबसे ज्यादा असर जापान, अमेरिका और ताइवान को
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के विश्लेषक डॉ. माइकल ग्रीन कहते हैं कि, “अगर चीन अपने पास मौजूद हर चीज के साथ-साथ उनकी तथाकथित कैरियर किलर मिसाइल, पनडुब्बियां और बाकी सभी हथियार का यूज करता है तो यह पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी होगा. अमेरिका और शायद जापान और ताइवान बड़े पैमाने पर हताहत होंगे.”