सरकार और बैंकों की तरफ से लगातार बैंकिंग सिस्टम को ग्राहकों के अनुकूल बनाने पर काम किया जा रहा है. यह खबर हर बैंक के ग्राहकों के लिए है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बैंकिंग सिस्टम को ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से सिंपल बनाने के निर्देश दिए हैं. ऐसा इसलिए ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहक बैंक से जुड़ सकें.
‘लोन देने के नियमों में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए’
वित्त मंत्री की अपील का असर दिखाई भी दे रहा है. यही कारण है कि हाल ही में बड़े बैंकों ने ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से बैंकिंग सिस्टम में बदलाव किए हैं. फाइनेंस मिनिस्टर ने यह भी साफ किया कि बैंकों को लोन देने के नियमों में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक में बैंक कारोबार से जुड़े एक स्टार्टअप के फाउंडर ने बिना किसी दिक्कत के कर्ज देने का सुझाव दिया था.
सभी बैंक के ग्राहकों को होगी सहूलियत
वित्त मंत्री की तरफ से बैंकों को दिए गए सुझाव का फायदा एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई समेत देश के बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों के ग्राहकों को मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा, बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा कस्टर फ्रेंडली होने की जरूरत है. लेकिन यह प्रतिकूल जोखिम लेने की सीमा तक नहीं हो. उन्होंने बैंकों से कहा, आपको ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अपना भी ध्यान रखना है.
पर्याप्त इक्विटी होने पर लोन देने का भरोसा दिया
वित्त मंत्री के इस बयान पर एसबीआई (SBI) चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा स्टार्टअप की चिंता ज्यादा इक्विटी को लेकर है. उन्होंने पर्याप्त इक्विटी होने पर लोन देने का भरोसा दिलाया. बाद में, उन्होंने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये सरकार की ऋण गारंटी कोष न्यास का भी जिक्र किया.
खारा ने बताया कि बैंक में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया बढ़ रही है. इससे चीजें पहले के मुकाबले आसान हो रही हैं. वित्तीय सेवा विभाग में काम कर चुके राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि बैंकों को अधिक कर्ज देने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन करने की जरूरतों के बारे में में अवगत होने की जरूरत है.