भारत में हाईस्पीड इंटरनेट का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, भारत में 5जी ( 5G) दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव के अनुसार जुलाई के अंत तक 20 साल के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी ( 5G) के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन कर दिया जाएगा। खुद टेलीकॉम मंत्री Ashwini Vaishnaw ने जानकारी दी है।
भारत में पांचवी पीढ़ी की दूरसंचार सेवाएं शुरू करने की दिशा में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसला किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को टेलिकॉमी सेक्टर की महत्वाकांक्षी एवं बहुप्रतीक्षित योजना 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 5 जी सेवाएं 4-जी सेवा की तुलना में 10 गुना अधिक गति से काम करेंगी और इनकी शुरुआत जल्द ही की जाएगी। स्पेक्ट्रम की नीलामी आगामी जुलाई के अंत तक की जाएगी। योजना में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों की लागत को कम करने के उपाय भी किए जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सब कुछ योजनाबद्ध और सामान्य ढंग से चला तो 2022 की दिवाली तक देशवासियों को 5जी दूरसंचार सेवाओं का तोहफा मिल सकता है।
कुल 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की होगी नीलामी
स्वदेशी पर जोर, 6G के लिए तैयारी
इस बीच, सरकार घरेलू 5G तकनीक विकसित करना भी चाह रही है। साथ ही मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरण और सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों के माध्यम से इस क्षेत्र में गतिविधि को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे 5G लॉन्च में मदद की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत दशक के अंत तक 6जी सेवाएं शुरू करेगा।
शून्य स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और बैंक गारंटी में रियायत
आगामी 5G नीलामी में, कंपनियों को सितंबर 2021 में घोषित सुधारों से भी लाभ होगा, जिसमें शून्य स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल है। इसके अलावा, एक सालाना इंस्टॉलमेंट के बराबर वित्तीय बैंक गारंटी जमा करने की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है।
अग्रिम भुगतान से छूट, 20 स्टॉलमेंट में हो सकेता भुगतान
5जी स्पेक्ट्रम के लिए सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान नहीं करना होगा। इसके बजाय, मोदी सरकार ने कहा कि, स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम रूप से 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकता है। इसके अलावा, बोलीदाता शेष किश्तों के संबंध में भविष्य की देनदारियों के बिना 10 वर्षों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर कर सकते हैं।पर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कैबिनेट ने स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण पर दूरसंचार विभाग की सिफारिशों को मंजूरी दी है।
नीलामी से 5 लाख करोड़ मिलने की उम्मीद
इसके साथ ही देश में Telcom Revolution के नए चरण की शुरुआत हो गई है। सरकार इस योजना को प्राथमिकता में रख रही है और दूरसंचार मंत्रालय इसी सप्ताह से इच्छुक दूरसंचार कंपनियों से आवेदन पत्र आमंत्रित करेगा। नीलामी प्रक्रिया जुलाई अंत में आरंभ की जाएगी। इसके लिए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 5 लाख करोड़ रखी गई है। इसके तहत सरकार कुल नौ स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। यह नीलामी 20 साल के लिए होगी।
10 गुना स्पीड
इस अवसर पर जारी एक प्रेस रिलीज में केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव @AshwiniVaishnaw ने कहा है कि , यह उम्मीद की जाती है कि मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा गति और क्षमता प्रदान करने में सक्षम 5G प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाओं को रोल-आउट करने के लिए किया जाएगा, जो वर्तमान 4G सेवाओं के माध्यम से संभव की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक होगा।