बिजली कंपनी के प्रबंध निदेशक गणेश शंकर मिश्रा ने किया ग्वालियर में थीम राेड का निरीक्षण।
ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। थीम रोड पर बिजली कंपनी द्वारा तकनीकी रूप से लगाई जा रही अड़चनों का मंगलवार को पटाक्षेप हो गया। भोपाल से आए बिजली कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) गणेश शंकर मिश्रा के सामने 10 मिनट के अंदर स्मार्ट सिटी के अमले ने थीम रोड पर अंडरग्राउंड बिछे बिजली के तारों को बाहर निकालकर दिखा दिया। इसके बाद सहमति बनी कि तारों को जमीन के नीचे से ही ले जाया जाएगा, लेकिन जब तक यह व्यवस्था दोष मुक्त नहीं होती है तब तक हाईटेंशन तारों को ओवरहेड रखा जाएगा। बाद में इन्हें हटा दिया जाएगा। जमीन के नीचे यदि लाइन में कोई फाल्ट आता है, तो उसे ढूंढने के लिए स्मार्ट सिटी एक फाल्ट डिटेक्टर मशीन बिजली कंपनी को देगी।
अंडरग्राउंड फिटिंग में एक अतिरिक्त डक्ट व केबल का प्रविधान रखा जाएगा। बिजली कंपनी के स्थानीय इंजीनियर अभी तक इस बात पर आपत्ति लगा रहे थे कि लाइन के ऊपर मिट्टी डालने पर वह सख्त हो जाती है और बिजली के तारों को बाहर निकालने में दिक्कत होती है। यह मामला भोपाल तक पहुंचा, तो बिजली कंपनी के एमडी ग्वालियर आए। स्मार्ट सिटी के अफसरों ने पहले से ही थीम रोड पर बिछाई गई अंडरग्राउंड लाइन को खोद रखा था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने फाइबर पाइपों में बिछाई गई बिजली की लाइन को बाहर निकालने के लिए कहा। इसके बाद एमडी ने पाटनकर बाजार में भी इस प्रस्तावित परियोजना के लिए साइट देखी। इसके बाद एमडी ने मौके पर उपस्थित निगमायुक्त किशोर कान्याल और स्मार्ट सिटी सीइओ नीतू माथुर से कहा कि एलटी और एचटी लाइनों को फाइबर पाइप के जरिए अंडरग्राउंड लेकर जाएं, लेकिन जब तक इन लाइनों से जुड़े काम्पेक्ट सर्विस स्टेशन पूरी तरह से काम करना शुरू न करें, तब तक के लिए वर्तमान हाईटेंशन लाइन को ओवरहेड ही रखा जाए। ऐसे में यदि कोई फाल्ट होता है, तो एक अतिरिक्त लाइन से बिजली आपूर्ति का विकल्प खुला रहेगा। अब एमडी इस मामले की रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को सौंपेंगे। वहां से अंतिम निर्देश मिलने पर काम पुराने प्लान के मुताबिक ही शुरू किया जाएगा।
450 खंभे और 250 ट्रांसफार्मर हटेंगेः अब अंडरग्राउंड लाइन ले जाने से प्रस्तावित मार्गों पर लगे 450 खंभे और 250 ट्रांसफार्मर कम हो जाएंगे। इनके बदले में स्मार्ट सिटी द्वारा 150 काम्पेक्ट सर्विस स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां से लोगों के कनेक्शन जुड़े रहेंगे। इसके अलावा इस परियोजना का काम कर रही ठेकेदार फर्म को तीन साल तक डिफेक्ट लाइबिलिटी लेनी होगी।